पुदीना का परिचय (Introduction of Pudina)
पुदीना (Pudina) सबसे ज्यादा अपने अनोखे स्वाद के लिए ही जाना जाता है। पुदीने की चटनी (pudina chatni) न सिर्फ खाने का जायका बढ़ाती है बल्कि स्वास्थ्यवर्द्धक भी होती है। आयुर्वेद में सदियों से पुदीने का इस्तेमाल औषधि के रुप में हो रहा है। सामान्य तौर पर पुदीने का उपयोग (pudina benefits in hindi), दंत-मंजन, टूथपेस्ट, चुइंगगम्स, माउथ फ्रेशनर, कैंडीज, इन्हेलर आदि में किया जाता है। इसके अलावा भी आयुर्वेद में पुदीने का प्रयोग अन्य रोगों के इलाज में भी होता है। चलिये पुदीने के बारे में विस्तार से आगे जानते हैं।
अन्य भाषाओं में पुदीना के नाम (Name of Mint in Different Languages)
पुदीना का पौधा का वानास्पतिक नाम (botanical name of mint)) (Mentha spicata Linn. (मेन्था स्पाइकेटा) Syn-Mentha viridis Linn. है, और यह Lamiaceae (लेमिएसी) कुल का है। पुदीना को दुनिया भर में अनेक नामों से जाना जाता है,
पुदीने के न्यूट्रिशन (Nutrition Composition Of Mint)
14 Gm पुदीना : 6 Calories
पुदीने को खाने से या फिर उसके तेल की मालिश करने पर उसकी सुगंध से दिमाग अच्छे से काम करने लगता है और पहले से ज्यादा एक्टिव हो जाता है।
मिंट-फ्लेवर च्विंगम और ब्रेथ मिंट कुछ ऐसी पहली चीजें हैं, जिन्हें लोग सांस की बदबू रोकने के लिए सबसे पहले यूज करते हैं। मिंट ताजा अहसास देता है, जो सांसो की बदबू से लड़ने में हेल्प करता है और इसमें मौजूज मेन्थॉल चारों ओर फ्रेशनेस फील कराता है।
जितने भी माउथ फ्रेशनर या फिर मिंट टेबलेट्स आती हैं, सभी में पुदीने का प्रयोग किया जाता है।
इसमें जीवाणुरोधी गुण भी होते हैं, जो किसी भी तरह के बैक्टीरिया के कारण दुर्गंध के विकास को भी रोकते हैं।
पुदीना पेट और अपच जैसी अन्य पाचन समस्याओं से राहत देने में भी मदद कर सकता है। अपच के दौरान खाना पाचन तंत्र के बाकी हिस्सों में जाने से पहले बहुत लंबे समय तक पेट में रहता है और पुदीना इस प्रोसेस को सही करने में मदद करता है।
कई ओवर-द-काउंटर ठंड और फ्लू के इलाज में मेन्थॉल का प्रयोग होता है, जो पेपरमिंट ऑयल में एक प्राइमरी कंपाउंड है।
बहुत से लोग मानते हैं, कि मेन्थॉल सर्दी-खांसी को ठीक करने की एक बहुत इफेक्टिव मेडिसिन है। जो शरीर के किसी एक भाग में खून के असाधारण जमाव, एयरफ्लो और ब्रेथिंग में मदद करता है।
गले और नाक के इन्फेक्शन से लड़ने में भी इसका अहम रोल होता है।
इसमें मौजूद एंटी इन्फ्लामेंट्री और एंटी बैक्टीरियल गुण से स्किन को कई फायदे होते हैं। ये स्किन और पिंपल्स से लड़ने में भी काफी मददगार होता है। इसकी पत्तियों को पीसकर उसका लेप स्किन पर लगाने से दाग, धब्बे, झाइयां आदि दूर हो सकते हैं।
साथ ही साथ यदि कोई कीड़ा काट ले तो उस जगह पर इसका लेप लगाने से जल्दी आराम मिल सकता है।
पुदीने को आसानी से अपने डाइट में जोड़ा जा सकता है। अधिकांश रिसर्च के मुताबिक जो इसे कैप्सूल के रूप में लेते हैं, इसे स्किन पर लगाते हैं या अरोमाथेरेपी के माध्यम से इसे सांस से लेते हैं, उन्हें कई हेल्दी इफेक्ट दिखाते हैं।
6. बाल झड़ना रोकने में (Beneficial in Hair Loss in Hindi)
पुदीना अपने वातशामक गुण के कारण बालों के रूखेपन को कम करने में सहयोग देता है । ऐसा होने से बालों की रूसी एवं उनका बेजान होकर झड़ना या टूटना कम होता है, जिससे बाल प्राकृतिक रूप से बढ़ने लगते हैं।
7. कान के दर्द में (To Treat Ear Pain)
कान संबंधी समस्याओं जैसे कान दर्द आदि में पुदीना के लाभ से जल्दी आराम मिलता है। कभी-कभी ठंड लगने पर या कान में पानी चले जाने पर कान में दर्द होने लगता है। ऐसे में पुदीना का रस कान में डालने से आराम मिलता है। आपको पुदीना के पत्ते का रस निकालना है, और इसे 1-2 बूंद कान में डालना है।
8. सिरदर्द मे (Get Relief from Headache)
अक्सर देखा गया है की पाचन शक्ति ख़राब होने के कारण सर में दर्द होता है । पुदीने की चाय ऐसे में बहुत फायदेमंद सिद्ध हो सकती है, क्योंकि यह अपने दीपन – पाचन गुण के कारण खाने को अच्छी प्रकार से हजम करने में मदद करती है, जिससे आपका पाचन तंत्र मजबूत होता है ।
9. मुंह के छाले की परेशानी (Mint leaves Heals Mouth Ulcer)
मुंह के छाले की परेशानी के लिए पुदीने के पत्ते का काढ़ा बना लें। इससे गरारा करने से मुंह के छाले की समस्या ठीक होती है।
10. दांतों के दर्द में (Benefits in Toothache)
पुदीने के पत्ते का चूर्ण बनाकर दांत को मांजने से दांतों का दर्द कम होता है। पुदीने के औषधीय गुण दाँत दर्द को कम करने में मदद करते हैं। पुदीना के लाभ दर्द से राहत दिलाने में बहुत मदद करता है।
11. सांस की नली की सूजन (To Get Rid of Respiratory Tract Inflammation)
ठंड लगने पर सांस की नली अक्सर सूज जाती है और फिर गले में दर्द होने लगता है। इससे आराम पाने के लिए पुदीने के पत्ते का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली सेवन करने से सांस की नली की सूजन से आराम मिलती है।
12. अपच की समस्या (In Indigestion)
अक्सर पेट में गड़बड़ी होने पर अपच की समस्या होती है। इसमें नींबू, पुदीना तथा अदरक के 100-100 मिली रस लें। इसमें दोगुना (200 ग्राम) खांड़ मिला लें। इसे चांदी के बर्तन में पका लें। इस काढ़ा को 20 मिली मात्रा में सेवन करें। इससे अपच की समस्या ठीक होती है।
12. पेट की गड़बड़ी करे दूर (Benefits for Abdominal Disorder)
सामान्य तौर पर पेट की गड़बड़ी खान-पान में बदलाव की वजह से होता है। 10-15 मिली पुदीना के काढ़े में नमक तथा मरिच मिला लें। इसे पीने से पेट का रोग ठीक होता है। कभी-कभी जंक फूड खाने या मसालेदार खाना खाने से बदहजमी हो जाती है और पेट में दर्द होने लगता है। पुदीना का काढ़ा या पुदीना की चाय बनाकर पिलाने से आराम मिल जाता है।
13. भूख बढ़ाये पुदीना (To Treat Loss of Appetite)
कभी-कभी दवा के कारण, या लंबे समय से बीमार रहने के कारण भूख कम लगने लगती है। अगर आप भी इस समस्या से ग्रस्त हैं तो इसके लिए 6-6 ग्राम वृक्षाम्ल, पुदीना, सोंठ तथा मरिच, 50 मिली अनार का रस लें। इसके साथ ही, 3 ग्राम पिप्पली, 1 ग्राम लौंग, 3 ग्राम बड़ी इलायची, 18 ग्राम सेंधा नमक और 35 ग्राम जीरा लें। इनकी जितनी मात्रा हुई, उतनी मात्रा में ही इसमें मिश्री मिला लें। इसका चूर्ण बना लें। इसे 1-5 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इससे भूख ना लगने की परेशानी ठीक होती है।
14. उल्टी से दिलाये राहत (Benefits in Vomiting)
उल्टी को रोकने के लिए पुदीना का सेवन करना लाभ पहुंचाता है। अक्सर एसिडिटी होने पर, या दवा के साइड इफेक्ट के कारण, या फिर अन्य कारणों से भी उल्टी होने लगती है। अगर आप भी उल्टी की परेशानी से ग्रस्त हैं तो पुदीना के पत्तों का काढ़ा बना लें। इसे 10-20 मिली मात्रा में पीने से उल्टी बन्द हो जाती है।
15. उबकाई के कष्ट से दिलाये राहत (To Get Relief from Nausea)
उबकाई महसूस होने या आने की वजह ज्यादातर अग्निमांद्य या पाचन तंत्र का बिगड़ जाना होता है। पुदीने के सेवन से उबकाई महसूस होने के कष्ट से आराम मिलता है क्योंकि पुदीने में वात – कफ शामक और दीपन – पाचन गुण होते है जो आपके पाचन तंत्र स्वस्थ बनाये रखने में और अग्नि को दीप्त करने में सहयोग देते हैं ।
16. मासिक धर्म में ऐंठन और दर्द को दूर करने में (Beneficial in Menstural Cramp)
मासिक धर्म में दर्द और ऐंठन यानि क्रैम्प का कारण बढ़ा हुआ वात दोष होता है । पुदीना के सेवन से हम इस दर्द और ऐंठन को दूर कर सकते हैं, क्योंकि इसमें वातशामक और उष्ण गुण होते है जो दर्द और ऐंठन में राहत देते हैं।
17. दस्त पर रोक (To Fight Diarrhoea)
पुदीना के पंचांग का काढ़ा बना लें। इसे 10-20 मिली मात्रा में सेवन करें। इससे अपच और दस्त की समस्या ठीक होती है।
18. अस्थमा में फायदेमंद ( Beneficial in Asthma)
पुदीना अपने वात -कफ शामक गुण के कारण अस्थमा में भी लाभदायक होता है । इसकी तासीर गर्म होने के कारण फेफड़ों में जमे बलगम को पिघला कर उसे बाहर निकालने में सहायता करती है । इससे इस बीमारी के लक्षणों के कम होने में सहायता मिलती है ।
19. मूत्र विकार में फायदेमंद (Uses in Urinary Disorder)
अगर पेशाब करते वक्त दर्द या जलन होता है पुदीने का इस तरह सेवन करने से लाभ मिलेगा। 500 मिग्रा पुदीना के पत्ते में 500 मिग्रा काली मिर्च को पीस लें। इसे छानकर मिश्री मिलाकर पुदीना की चाय की तरह पिएं। इससे मूत्र विकार ठीक होते हैं।
20. पुदीना के पत्तों का काढ़ा बना लें। इसे 10-20 मिली की मात्रा में पीने से गठिया का दर्द कम होता है।
21. घाव सूखाने के लिए (Healing Ulcer)
पुदीना के पत्ते को पीसकर लेप लगाने से ना सिर्फ घाव से आने वाला दुर्गंध कम होता है, बल्कि घाव भी जल्दी भरता है। इसके अलावा पुदीना के पंचांग का काढ़ा बना लें। इससे घाव को धोने से भी घाव जल्दी भरता है।
22. त्वचा रोग (Benefits in Skin Disease)
रैशेज, मुंहासे या घाव होने पर त्वचा पर काले-धब्बे पड़ जाते हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए पुदीना के पत्तों को पीस लें। इसे दाग वाले जगह पर लगाने से काले धब्बे मिट जाते हैं। त्वचा संबंधी किसी भी समस्या में पुदीना के फायदे असरदार तरीके से काम करते हैं।
23. बुखार में फायदेमंद (Uses to Treat Fever)
मौसम के बदलाव के कारण बुखार आने पर पुदीना के पत्तों का काढ़ा बनाकर पिएं। इससे बुखार ठीक हो जाता है। इसके अलावा पुदीने की चटनी बनाकर खिलाने से भी बुखार, और बुखार के कारण होने वाली भूख की कमी ठीक होती है। पुदीना के औषधीय गुण बुखार से जल्दी आराम दिलाने में मदद करते हैं।
24. शरीर की जलन में फायदेमंद (Benefit to Get Rid of Burning Sensation)
शरीर की जलन से छुटकारा पाने के लिए पुदीने के पत्तों का काढ़ा बना लें। इसे 15 मिली पीने से जलन कम होता है। शरीर के जलन को कम करने में पुदीना के औषधीय गुण फायदेमंद तरीके से काम करता है।
25. सूजन का इलाज (To Treat Inflammation)
अगर शरीर के किसी अंग में सूजन के कारण दर्द हो रहा है तो पुदीने का प्रयोग इस तरह करने से आराम मिलता है। सूजन होने पर सूखा पुदीना के पत्ते का सिरके में पीस लें। इसका लेप करने से कफ दोष के कारण होने वाली सूजन ठीक होती है।
26. बिच्छू के डंक मारने पर (For Scorpion Bite)
बिच्छु के काटने पर जो दर्द और जलन होता है, उससे राहत दिलाने में पुदीना मदद करता है। इसके लिए सूखा पुदीना के पत्तों को पीस लें। जिस जगह पर बिच्छु ने काटा है, वहां लगाने से दर्द और जलन कम होता है।
पुदीना के अधिक सेवन से साइड इफेक्ट (Side Effects of Pudina)
पुदीना के अधिक सेवन से ये साइड इफेक्ट भी हो सकते हैंः-