भिंडी में भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है. अगर आप प्रतिदिन 100 ग्राम भिंडी का सेवन कर रहे हैं तो प्रतिदिन आपके शरीर के लिए आवश्यक विटामिन सी की
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मात्रा का 38 प्रतिशत इससे पूरा हो जाता है. विटामिन सी कई बीमारियों और संक्रमण से सुरक्षित रखने में मददगार होता है.
भिंडी क्या है? (What is Bhindi) (ladiesfinger)
भिंडी का प्रयोग
भिंडी की सब्जी के रूप में किया जाता है। इसके फल अंगुली के समान लम्बे होते हैं। भिंडी का पूरा पौधा रोमों से युक्त होता है। इसके फूल पीले रंग के होते हैं। इसके फल हरे रंग के होते हैं। भिंडी के फल आगे की तरफ से नुकीले, या पतले होते हैं। भिंडी के अन्दर सफेद रंग के गोलाकार, चिपचिपे द्रव्य से युक्त अनेक बीज होते हैं। भिंडी के प्रयोग से मुंह का स्वाद अच्छा हो जाता है, और वात-पित्त रोग के साथ-साथ मल संबंधी परेशानी भी दूर होती है।
भिंडी का वानस्पतिक नाम ऐबलमोस्कस ऐस्कुलेन्टस (Abelmoschus esculentus
भिंडी के फायदे (Bhindi – Lady Finger Benefits and Uses)
घाव को सुखाने (Healing Wound)
भिंडी घाव को सुखाने के काम में भी प्रयोग में लाई जाती है। अगर किसी व्यक्ति को घाव है, और वह ठीक नहीं हो रहा है, तो भिंडी के पत्तों को पीसकर घाव पर लगाएं। इससे घाव जल्दी ठीक हो जाता है।
त्वचा विकार में लाभ (Skin Disease Treatment)
भिंडी त्वचा की अनेक बीमारियों के उपचार के लिए प्रयोग में लाई जाती है। त्वचा में घाव हो जाए, रोम संबंधी विकार हो, या त्वचा की अन्य बीमारी। भिण्डी के पत्ते के रस को बीमार त्वचा पर लगाएं। इससे त्वचा रोग में तुरंत लाभ होता है।
खुजली का इलाज (Itching Treatment)
भिंडी के फल को पीसकर लेप बना लें। इसे खुजली वाले स्थान पर लगाएं। इससे खुजली ठीक हो जाती है।
दस्त रोकने के लिए (To Stop Diarrhea)
दस्त की बीमारी में भिण्डी के फलों को मसल लें। इसमें मिश्री मिला लें। इसका सेवन करें। इससे दस्त में लाभ होता है।
पेचिश में लाभ (To Stop Dysentery)
इसके लिए भिण्डी के फल की सब्जी (bhindi ki sabji) बनाकर खाएं। इससे पेचिश में लाभ होता है।
पेशाब में जलन की समस्या (To Treat Burning Sensation in Urine)
किसी व्यक्ति को पेशाब में जलन की परेशानी हो, तो उसे भिण्डी के फूलों का काढ़ा बना लेना है। इसमें 10-15 मिली मिश्री मिलाकर सेवन करना है। इससे पेशाब में जलन की परेशानी ठीक हो जाती है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]
मूत्र रोग (Treating Urinary Disease)
मूत्र रोग जैसे पेशाब का रुक-रुक कर आना, पेशाब करते समय दर्द होना, मूत्र नलिका संबंधित विकार हो तो भिंडी के फल का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली मात्रा में पीएं। इससे मूत्र रोग ठीक होता है।
सुजाक में फायदा (Benefits for Gonorrhea)
सुजाक एक यौन रोग है, जो स्त्री या पुरुष किसी को भी हो सकता है। कई पुरुषों में सुजाक के लक्षण दिखाई नहीं पड़ते। सामान्यतः पुरुषों में इस बीमारी में पेशाब करते समय जलन होने लगते हैं। लिंग से सफेद, पीला या हरा स्राव होता है। इसी तरह महिलाओं में भी पेशाब करते समय दर्द, या जलन होती है। मासिक धर्म के बीच योनि से खून भी निकलता है। इसमें 1-2 ग्राम भिण्डी की जड़ के चूर्ण में मिश्री मिलाकर खाने से लाभ होता है। 5-10 मिली भिण्डी फल का काढ़ा का सेवन करने से भी सुजाक में लाभ होता है।
ल्यूकोरिया में फायदे (Benefits in Leukorrhea Treatment)
इसके लिए 15-20 मिली फल का काढ़ा बनाकर सेवन करें। इससे ल्यूकोरिया में लाभ होता है।
योनि रोग में फायदे (Benefits for Vaginal Disease)
योनि से संबंधित विकारों में भिण्डी की जड़ का पेस्ट बना लें। इसे 1-2 ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार सेवन करें। एक माह तक सेवन करना है। इससे योनि से संबंधित रोगों में लाभ होता है।
वीर्यपात (शीघ्रपतन) में लाभ (Benefits for Premature Ejaculation)
वीर्यपात से बहुत से लोग परेशान रहते हैं, और इस समस्या से निजात पाने के लिए अपना इलाज भी कराते हैं। शीघ्रपतन की समस्या में भी भिंडी का सेवन फायदा पहुंचाता है। भिण्डी के फलों को मसल लें। इसमें मिश्री मिला लें। इसका सेवन करने से वीर्यस्राव की परेशानी में लाभ होता है।
कैंसर का इलाज फायदे (Beneficial to Treat Cancer)
भिंडी का सेवन कैंसर से बचाव में मदद करता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट तत्त्व दूसरी सब्ज़ियों कि तुलना में ज्यादा होते हैं, जो कि कैंसर से लड़ने में सहायक होते है
हृदय को सेहतमंद रखने में लाभकारी भिंडी (Benefits for Healthy Heart)
भिंडी में उष्ण गुण होने के कारण यह शरीर की पाचक अग्नि को बढ़ाने में मदद करती है जिसके कारण यह शरीर के विषैले
तत्व “आम” को पचाने में सहायक होती है।आम के पाचन होने के कारण कोलेस्ट्रॉल बढ़ने जैसी समस्या नहीं होती है और हृदय को स्वस्थ रूप से कार्य करता रहता है।
आँखों की रोशनी बढ़ाने में फायदेमंद (Benefit for Good Eyesight)
भिंडी में विटामिन सी, विटामिन ई और जिंक जैसे कुछ तत्त्व पाए जाते हैं, जो कि आँखों की रोशनी यानी आई साइट को स्वस्थ रखने में सहयोगी होते है।
पाचन तंत्र को सेहतमंद बनाने में सहायक भिंडी (Lady Finger Beneficial to Boost Digestive System in Hindi)
भिंडी में उष्ण गुण पाया जाता है जो कि पाचक अग्नि को बढ़ाकर पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाये रखने में सहयोग देता है। इसी वजह से भिंडी का सेवन से पाचन तंत्र को अपना कार्य बेहतर तरीके से करने में मदद करता है।
डायबिटीज को नियंत्रित करने में भिंडी फायदेमंद ( Bhindi Beneficial to Control Diabetes in Hindi)
शुगर के बढ़ने की एक वजह पाचन का खराब होना भी माना गया है, जिसमे शरीर में आम बनना शुरू हो जाता है। भिंडी में अम्ल एवं उष्ण गुण होने के कारण यह पाचन को स्वस्थ रखती है साथ ही शुगर को भी नियंत्रित रखने में सहयोग देती है।
तैलीय बालों के लिए उपयोगी भिंडी पाउडर के फायदे (Bhindi Powder Beneficial for Oily Hair)
भिंडी आपके के लिए लाभदायक होती है। एक रिसर्च के अनुसार यह आपके बालों को रेजुविनेट यानी बेजान बालों में नई चमक और मज़बूती लाने में मदद करती है।
आग से जलने पर भिंडी का प्रयोग (Benefits for Fire Burning Problem)
अगर आग से कोई अंग जल जाए, तो भिंडी का उपयोग करें। भिण्डी के पत्तों को पीसकर जलने वाले स्थान पर लगाएं। इससे जलन शांत हो जाती है।
भिंडी से नुकसान (Side Effects of Bhindi – Lady Finger)
भिंडी एक सब्जी है, जिसके उपयोग से कुछ लोगों को नुकसान भी हो सकता है, इसलिए भिंडी का उपयोग करते समय बातों का ध्यान रखना जरूरी हैः-
भिंडी क्या है? (What is Bhindi) (ladiesfinger)
भिंडी का प्रयोग
भिंडी की सब्जी के रूप में किया जाता है। इसके फल अंगुली के समान लम्बे होते हैं। भिंडी का पूरा पौधा रोमों से युक्त होता है। इसके फूल पीले रंग के होते हैं। इसके फल हरे रंग के होते हैं। भिंडी के फल आगे की तरफ से नुकीले, या पतले होते हैं। भिंडी के अन्दर सफेद रंग के गोलाकार, चिपचिपे द्रव्य से युक्त अनेक बीज होते हैं। भिंडी के प्रयोग से मुंह का स्वाद अच्छा हो जाता है, और वात-पित्त रोग के साथ-साथ मल संबंधी परेशानी भी दूर होती है।
भिंडी का वानस्पतिक नाम ऐबलमोस्कस ऐस्कुलेन्टस (Abelmoschus esculentus
भिंडी के फायदे (Bhindi – Lady Finger Benefits and Uses)
घाव को सुखाने (Healing Wound)
भिंडी घाव को सुखाने के काम में भी प्रयोग में लाई जाती है। अगर किसी व्यक्ति को घाव है, और वह ठीक नहीं हो रहा है, तो भिंडी के पत्तों को पीसकर घाव पर लगाएं। इससे घाव जल्दी ठीक हो जाता है।
त्वचा विकार में लाभ (Skin Disease Treatment)
भिंडी त्वचा की अनेक बीमारियों के उपचार के लिए प्रयोग में लाई जाती है। त्वचा में घाव हो जाए, रोम संबंधी विकार हो, या त्वचा की अन्य बीमारी। भिण्डी के पत्ते के रस को बीमार त्वचा पर लगाएं। इससे त्वचा रोग में तुरंत लाभ होता है।
खुजली का इलाज (Itching Treatment)
भिंडी के फल को पीसकर लेप बना लें। इसे खुजली वाले स्थान पर लगाएं। इससे खुजली ठीक हो जाती है।
दस्त रोकने के लिए (To Stop Diarrhea)
दस्त की बीमारी में भिण्डी के फलों को मसल लें। इसमें मिश्री मिला लें। इसका सेवन करें। इससे दस्त में लाभ होता है।
पेचिश में लाभ (To Stop Dysentery)
इसके लिए भिण्डी के फल की सब्जी (bhindi ki sabji) बनाकर खाएं। इससे पेचिश में लाभ होता है।
पेशाब में जलन की समस्या (To Treat Burning Sensation in Urine)
किसी व्यक्ति को पेशाब में जलन की परेशानी हो, तो उसे भिण्डी के फूलों का काढ़ा बना लेना है। इसमें 10-15 मिली मिश्री मिलाकर सेवन करना है। इससे पेशाब में जलन की परेशानी ठीक हो जाती है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]
मूत्र रोग (Treating Urinary Disease)
मूत्र रोग जैसे पेशाब का रुक-रुक कर आना, पेशाब करते समय दर्द होना, मूत्र नलिका संबंधित विकार हो तो भिंडी के फल का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली मात्रा में पीएं। इससे मूत्र रोग ठीक होता है।
सुजाक में फायदा (Benefits for Gonorrhea)
सुजाक एक यौन रोग है, जो स्त्री या पुरुष किसी को भी हो सकता है। कई पुरुषों में सुजाक के लक्षण दिखाई नहीं पड़ते। सामान्यतः पुरुषों में इस बीमारी में पेशाब करते समय जलन होने लगते हैं। लिंग से सफेद, पीला या हरा स्राव होता है। इसी तरह महिलाओं में भी पेशाब करते समय दर्द, या जलन होती है। मासिक धर्म के बीच योनि से खून भी निकलता है। इसमें 1-2 ग्राम भिण्डी की जड़ के चूर्ण में मिश्री मिलाकर खाने से लाभ होता है। 5-10 मिली भिण्डी फल का काढ़ा का सेवन करने से भी सुजाक में लाभ होता है।
ल्यूकोरिया में फायदे (Benefits in Leukorrhea Treatment)
इसके लिए 15-20 मिली फल का काढ़ा बनाकर सेवन करें। इससे ल्यूकोरिया में लाभ होता है।
योनि रोग में फायदे (Benefits for Vaginal Disease)
योनि से संबंधित विकारों में भिण्डी की जड़ का पेस्ट बना लें। इसे 1-2 ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार सेवन करें। एक माह तक सेवन करना है। इससे योनि से संबंधित रोगों में लाभ होता है।
वीर्यपात (शीघ्रपतन) में लाभ (Benefits for Premature Ejaculation)
वीर्यपात से बहुत से लोग परेशान रहते हैं, और इस समस्या से निजात पाने के लिए अपना इलाज भी कराते हैं। शीघ्रपतन की समस्या में भी भिंडी का सेवन फायदा पहुंचाता है। भिण्डी के फलों को मसल लें। इसमें मिश्री मिला लें। इसका सेवन करने से वीर्यस्राव की परेशानी में लाभ होता है।
कैंसर का इलाज फायदे (Beneficial to Treat Cancer)
भिंडी का सेवन कैंसर से बचाव में मदद करता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट तत्त्व दूसरी सब्ज़ियों कि तुलना में ज्यादा होते हैं, जो कि कैंसर से लड़ने में सहायक होते है
हृदय को सेहतमंद रखने में लाभकारी भिंडी (Benefits for Healthy Heart)
भिंडी में उष्ण गुण होने के कारण यह शरीर की पाचक अग्नि को बढ़ाने में मदद करती है जिसके कारण यह शरीर के विषैले
तत्व “आम” को पचाने में सहायक होती है।आम के पाचन होने के कारण कोलेस्ट्रॉल बढ़ने जैसी समस्या नहीं होती है और हृदय को स्वस्थ रूप से कार्य करता रहता है।
आँखों की रोशनी बढ़ाने में फायदेमंद (Benefit for Good Eyesight)
भिंडी में विटामिन सी, विटामिन ई और जिंक जैसे कुछ तत्त्व पाए जाते हैं, जो कि आँखों की रोशनी यानी आई साइट को स्वस्थ रखने में सहयोगी होते है।
पाचन तंत्र को सेहतमंद बनाने में सहायक भिंडी (Lady Finger Beneficial to Boost Digestive System in Hindi)
भिंडी में उष्ण गुण पाया जाता है जो कि पाचक अग्नि को बढ़ाकर पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाये रखने में सहयोग देता है। इसी वजह से भिंडी का सेवन से पाचन तंत्र को अपना कार्य बेहतर तरीके से करने में मदद करता है।
डायबिटीज को नियंत्रित करने में भिंडी फायदेमंद ( Bhindi Beneficial to Control Diabetes in Hindi)
शुगर के बढ़ने की एक वजह पाचन का खराब होना भी माना गया है, जिसमे शरीर में आम बनना शुरू हो जाता है। भिंडी में अम्ल एवं उष्ण गुण होने के कारण यह पाचन को स्वस्थ रखती है साथ ही शुगर को भी नियंत्रित रखने में सहयोग देती है।
तैलीय बालों के लिए उपयोगी भिंडी पाउडर के फायदे (Bhindi Powder Beneficial for Oily Hair)
भिंडी आपके के लिए लाभदायक होती है। एक रिसर्च के अनुसार यह आपके बालों को रेजुविनेट यानी बेजान बालों में नई चमक और मज़बूती लाने में मदद करती है।
आग से जलने पर भिंडी का प्रयोग (Benefits for Fire Burning Problem)
अगर आग से कोई अंग जल जाए, तो भिंडी का उपयोग करें। भिण्डी के पत्तों को पीसकर जलने वाले स्थान पर लगाएं। इससे जलन शांत हो जाती है।
भिंडी से नुकसान (Side Effects of Bhindi – Lady Finger)
भिंडी एक सब्जी है, जिसके उपयोग से कुछ लोगों को नुकसान भी हो सकता है, इसलिए भिंडी का उपयोग करते समय बातों का ध्यान रखना जरूरी हैः-
भिंडी क्या है? (What is Bhindi) (ladiesfinger)
भिंडी का प्रयोग
भिंडी की सब्जी के रूप में किया जाता है। इसके फल अंगुली के समान लम्बे होते हैं। भिंडी का पूरा पौधा रोमों से युक्त होता है। इसके फूल पीले रंग के होते हैं। इसके फल हरे रंग के होते हैं। भिंडी के फल आगे की तरफ से नुकीले, या पतले होते हैं। भिंडी के अन्दर सफेद रंग के गोलाकार, चिपचिपे द्रव्य से युक्त अनेक बीज होते हैं। भिंडी के प्रयोग से मुंह का स्वाद अच्छा हो जाता है, और वात-पित्त रोग के साथ-साथ मल संबंधी परेशानी भी दूर होती है।
भिंडी का वानस्पतिक नाम ऐबलमोस्कस ऐस्कुलेन्टस (Abelmoschus esculentus
भिंडी के फायदे (Bhindi – Lady Finger Benefits and Uses)
घाव को सुखाने (Healing Wound)
भिंडी घाव को सुखाने के काम में भी प्रयोग में लाई जाती है। अगर किसी व्यक्ति को घाव है, और वह ठीक नहीं हो रहा है, तो भिंडी के पत्तों को पीसकर घाव पर लगाएं। इससे घाव जल्दी ठीक हो जाता है।
त्वचा विकार में लाभ (Skin Disease Treatment)
भिंडी त्वचा की अनेक बीमारियों के उपचार के लिए प्रयोग में लाई जाती है। त्वचा में घाव हो जाए, रोम संबंधी विकार हो, या त्वचा की अन्य बीमारी। भिण्डी के पत्ते के रस को बीमार त्वचा पर लगाएं। इससे त्वचा रोग में तुरंत लाभ होता है।
खुजली का इलाज (Itching Treatment)
भिंडी के फल को पीसकर लेप बना लें। इसे खुजली वाले स्थान पर लगाएं। इससे खुजली ठीक हो जाती है।
दस्त रोकने के लिए (To Stop Diarrhea)
दस्त की बीमारी में भिण्डी के फलों को मसल लें। इसमें मिश्री मिला लें। इसका सेवन करें। इससे दस्त में लाभ होता है।
पेचिश में लाभ (To Stop Dysentery)
इसके लिए भिण्डी के फल की सब्जी (bhindi ki sabji) बनाकर खाएं। इससे पेचिश में लाभ होता है।
पेशाब में जलन की समस्या (To Treat Burning Sensation in Urine)
किसी व्यक्ति को पेशाब में जलन की परेशानी हो, तो उसे भिण्डी के फूलों का काढ़ा बना लेना है। इसमें 10-15 मिली मिश्री मिलाकर सेवन करना है। इससे पेशाब में जलन की परेशानी ठीक हो जाती है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]
मूत्र रोग (Treating Urinary Disease)
मूत्र रोग जैसे पेशाब का रुक-रुक कर आना, पेशाब करते समय दर्द होना, मूत्र नलिका संबंधित विकार हो तो भिंडी के फल का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली मात्रा में पीएं। इससे मूत्र रोग ठीक होता है।
सुजाक में फायदा (Benefits for Gonorrhea)
सुजाक एक यौन रोग है, जो स्त्री या पुरुष किसी को भी हो सकता है। कई पुरुषों में सुजाक के लक्षण दिखाई नहीं पड़ते। सामान्यतः पुरुषों में इस बीमारी में पेशाब करते समय जलन होने लगते हैं। लिंग से सफेद, पीला या हरा स्राव होता है। इसी तरह महिलाओं में भी पेशाब करते समय दर्द, या जलन होती है। मासिक धर्म के बीच योनि से खून भी निकलता है। इसमें 1-2 ग्राम भिण्डी की जड़ के चूर्ण में मिश्री मिलाकर खाने से लाभ होता है। 5-10 मिली भिण्डी फल का काढ़ा का सेवन करने से भी सुजाक में लाभ होता है।
ल्यूकोरिया में फायदे (Benefits in Leukorrhea Treatment)
इसके लिए 15-20 मिली फल का काढ़ा बनाकर सेवन करें। इससे ल्यूकोरिया में लाभ होता है।
योनि रोग में फायदे (Benefits for Vaginal Disease)
योनि से संबंधित विकारों में भिण्डी की जड़ का पेस्ट बना लें। इसे 1-2 ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार सेवन करें। एक माह तक सेवन करना है। इससे योनि से संबंधित रोगों में लाभ होता है।
वीर्यपात (शीघ्रपतन) में लाभ (Benefits for Premature Ejaculation)
वीर्यपात से बहुत से लोग परेशान रहते हैं, और इस समस्या से निजात पाने के लिए अपना इलाज भी कराते हैं। शीघ्रपतन की समस्या में भी भिंडी का सेवन फायदा पहुंचाता है। भिण्डी के फलों को मसल लें। इसमें मिश्री मिला लें। इसका सेवन करने से वीर्यस्राव की परेशानी में लाभ होता है।
कैंसर का इलाज फायदे (Beneficial to Treat Cancer)
भिंडी का सेवन कैंसर से बचाव में मदद करता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट तत्त्व दूसरी सब्ज़ियों कि तुलना में ज्यादा होते हैं, जो कि कैंसर से लड़ने में सहायक होते है
हृदय को सेहतमंद रखने में लाभकारी भिंडी (Benefits for Healthy Heart)
भिंडी में उष्ण गुण होने के कारण यह शरीर की पाचक अग्नि को बढ़ाने में मदद करती है जिसके कारण यह शरीर के विषैले
तत्व “आम” को पचाने में सहायक होती है।आम के पाचन होने के कारण कोलेस्ट्रॉल बढ़ने जैसी समस्या नहीं होती है और हृदय को स्वस्थ रूप से कार्य करता रहता है।
आँखों की रोशनी बढ़ाने में फायदेमंद (Benefit for Good Eyesight)
भिंडी में विटामिन सी, विटामिन ई और जिंक जैसे कुछ तत्त्व पाए जाते हैं, जो कि आँखों की रोशनी यानी आई साइट को स्वस्थ रखने में सहयोगी होते है।
पाचन तंत्र को सेहतमंद बनाने में सहायक भिंडी (Lady Finger Beneficial to Boost Digestive System in Hindi)
भिंडी में उष्ण गुण पाया जाता है जो कि पाचक अग्नि को बढ़ाकर पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाये रखने में सहयोग देता है। इसी वजह से भिंडी का सेवन से पाचन तंत्र को अपना कार्य बेहतर तरीके से करने में मदद करता है।
डायबिटीज को नियंत्रित करने में भिंडी फायदेमंद ( Bhindi Beneficial to Control Diabetes in Hindi)
शुगर के बढ़ने की एक वजह पाचन का खराब होना भी माना गया है, जिसमे शरीर में आम बनना शुरू हो जाता है। भिंडी में अम्ल एवं उष्ण गुण होने के कारण यह पाचन को स्वस्थ रखती है साथ ही शुगर को भी नियंत्रित रखने में सहयोग देती है।
तैलीय बालों के लिए उपयोगी भिंडी पाउडर के फायदे (Bhindi Powder Beneficial for Oily Hair)
भिंडी आपके के लिए लाभदायक होती है। एक रिसर्च के अनुसार यह आपके बालों को रेजुविनेट यानी बेजान बालों में नई चमक और मज़बूती लाने में मदद करती है।
आग से जलने पर भिंडी का प्रयोग (Benefits for Fire Burning Problem)
अगर आग से कोई अंग जल जाए, तो भिंडी का उपयोग करें। भिण्डी के पत्तों को पीसकर जलने वाले स्थान पर लगाएं। इससे जलन शांत हो जाती है।
भिंडी से नुकसान (Side Effects of Bhindi – Lady Finger)